Ulti Hai Jiski Dhaar - उल्टी है जिसकी धार

  • ₹ 150.00


रचनाकर्म के दौरान जब छिटपुट रचनाएं पुस्तकीय रूप लेती है तो रचनाकार प्रसव पीड़ा के उपरांत होने वाली खुशी का अनुभव करता है। यह पुस्तक रूप में मेरी दूसरी रचना है। इस पुस्तक में सामाजिक संबंध एवं उसके अंतर्द्वंद तथा परिस्तिजन्य मनोवृतियों एवं तत्सम्बन्धी सोच और व्यवहार के चित्रण का एक लघु प्रयास है। उम्मीद है कि सुधी पाठकजन इसका रसास्वादन कर पाएंगे एवं रचनादोष एवं कमियों को पत्राचार का आधार बनाएंगे।

About Author: जन्म सन 1978, गांव, रहुआ- संग्राम , जिला-मधुबनी(बिहार)।
प्राम्भिक शिक्षा ग्रामीण सरकारी विद्यालय में एवं उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली से। सम्प्रति बिहार सरकार में राजपत्रित पदाधिकारी के पद पर कार्यरत (जिला अवर निबंधक)। छात्र जीवन से ही पठन पाठन, लेखन, कवि सम्मेलन, मंच संचालन, नाट्यकर्म आदि में गहरी अभिरुचि। सघन प्रशासनिक व्यस्तताओं के बीच सतत रचनाशील।
पूर्व प्रकाशित ग्रंथ-- चिट्ठियाँ अब आती नहीँ (काव्य संग्रह, 2016)

 

  • Paperback: 96 pages
  • Publisher: White Falcon Publishing; 1 edition (2021)
  • Author: Pankaj Kumar Jha
  • ISBN-13: 9781636401980
  • Product Dimensions:  5 x 1 x 8 Inches

Indian Edition available on:

   


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